Online Guru Diksha ऑनलाइन गुरु दीक्षा

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जिन भक्तो को परम पूज्य गुरूजी “द्वारा गुरु दीक्षा लेनी है उनको निम्न अंकित नियमो का पालन करना अति आवश्यक है |

पहला नियम : मांस, अंडा, गुटका, तम्बाकू, शराब आदि व्यसन युक्त प्रदार्थ कभी ना खायें एवं अनैतिक गतिविधियों से दूर रहें |

दूसरा नियम : एक कोई भी सबसे प्रिय फल का त्याग करना है |

तीसरा नियम : गुरु मन्त्र कान में सुनना है गुरु मंत्र किसी को नहीं बताना हैं

चौथा नियम : गुरुमंत्र किसी को भी नहीं बताना है (जेसे अपने माता-पिता , पति –पत्नी, भाई-बंधू , मित्र आदि)|

पांचवा नियम: नित्य सुबह–शाम, आँख बन्द करके बैठना है और मन ही मन में गुरु मन्त्र का नियमित कम से कम 5 मिनट जाप करना आवश्यक है |

छठा नियम : चलते-फिरते मन ही मन में मन्त्र का मौन जाप करना है, लेकिन कभी मुख से मन्त्र जाप नहीं करना है |

सातवा नियम : किसी भी परिस्थिति में मन्त्र जाप नहीं छोड़ना जैसे घर में किसी बच्चे के पैदा होने पर या किसी की मृत्यु होने पर कोई भी सूतक हो, या मासिक चक्र आया हो तो भी ध्यान, भजन, उपासना, मन्त्र जाप नहीं छोड़ना है |

आठवां नियम : वर्ष में एक बार गुरु-पूर्णिमा पर गुरु दर्शन अवश्य करना है |

नवम नियम : महीने में एक बार किसी की मदद या सेवा का कार्य करना है |

तीन माह तक नियमों का पालन कर सात्विक धार्मिक जीवन जीने पर एक अभिमंत्रित सिद्ध माला गुरु जी द्वारा शिष्य को उपहार स्वरुप प्रदान की जाएगी , गुरु मंत्र प्रदान करने से पूर्व से ही सात दिन तक उपरोक्त नियमों का नियमित पालन अपेक्षित है | केवल जिन्हें श्रध्दा हो , वे ही आवेदन, पंजीकरण, दीक्षा राशि भुगतान करें |

शिष्य के पास आवश्यक सामग्री :  रुद्राक्ष और तुलसी या चन्दन की माला, भगवान श्रीकृष्ण /हनुमान जी की तस्वीर, गुरु आदेश के प्रति श्रद्धा , पीले , सफ़ेद या लाल रंग का साफ़ सुथरा आसन |

Online Guru Diksha ऑनलाइन गुरु दीक्षा
Online Guru Diksha ऑनलाइन गुरु दीक्षा

चेतावनी:-

अगर आप दीक्षा के बाद भी व्यसन, माँसाहार करते हो तो आपको गुरु जी के द्धारा शिष्य, सेवक एवं कार्यकर्ता स्वीकार नहीं किया जायेगा  तथा आपको गुरु आज्ञा नहीं मानने पर अशुभ फलों की प्राप्ति भी हो सकती हैं | याद रहे गुरु शिष्य का सम्बन्ध परम पवित्र और सम्मानजनक होता है |

दीक्षा से लाभ :-

गुरु दीक्षा लेने एवं उनके दिए हुयें मंत्र का नियमित जाप करने से बहुत से लाभ होते है |
शब्द ही ब्रह कहा गया है और मंत्र में भी अत्यन्त उत्तम शब्दों का उपयोग किया जाता है इसलिए गुरु मंत्र में बहुत शक्ति होती है |

ग्रह नक्षत्रों के बुरे प्रभाव से राहत मिलती है मन की शान्ति बढ़ती हैं और विवादों / समस्याओं का गुरु कृपा, ईश्वर कृपा से अंत होता है और जीवन में समृद्धि, ख़ुशी, प्रसन्नता आने लगती है |

इसलिए ऋषि महर्षियों ने मंत्र के बारे कहा है की :

धर्मार्थकाम मोक्षाणां सद्ध्य: सिद्धिर्भवेन्न:

मंत्र दीक्षा से हमारे चारो पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त होते है |

आवश्यक सूचना:

हमारी और से किसी को बाध्य नही किया जाता है और न ही कोई गारंटी दी जाती है ! केवल जिन्हें गुरु और परमात्मा में श्रध्दा हो , वे ही आवेदन करें

1 review for Online Guru Diksha ऑनलाइन गुरु दीक्षा

  1. onlineastrojyotish

    सादर प्रणाम

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