gomed stone benefits in hindi | गोमेद रत्न पहनने की विधि | गोमेद रत्न कीमत

गोमेद( gomed ratna) का असर कितने दिन में होता है?

Table of Contents

गोमेद एक प्रकार का खनिज है, जिसे गारनेट भी कहा जाता है। यह एक रत्न है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में  राहु  ग्रह का प्रतिनिधि माना जाता है। गोमेद धारण करने से व्यक्ति का  राहु  ग्रह मजबूत होता है, जिससे उसे अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं।गोमेद का असर जातक द्वारा इसे  धारण करने के 15 से 30 दिनों के अंदर दिखाई देने लगता है। इस अवधि में जातक  को गोमेद के फायदे मिलना शुरू हो जाते हैं।

गोमेद( gomed ratna) का असर कितने दिन में होता है?

गोमेद रत्न पहनने से क्या फायदा होता है? (gomed stone benefits)

गोमेद धारण करने से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:गोमेद रत्न पहनने से क्या फायदा होता है?

  • राहु और शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।
  • व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
  • मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
  • जातक को नौकरी या व्यवसाय में अपार सफलता मिलती है। यदि नौकरी या व्यापार में कोई अड़चन हो तो वो दूर होती है |
  • परेशान व्यक्ति को कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त होती है।
  • जातक के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और बिमारियों से बचाव होता है ।

गोमेद धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से  जरूर सलाह लेना चाहिए। ज्योतिषी व्यक्ति की कुंडली के अनुसार यह बता सकता है कि उसे गोमेद धारण करना चाहिए या नहीं, और यदि जरुरी हो , तो उसे कितने  वजन का गोमेद धारण करना चाहिए।

गोमेद  नगीना / स्टोन /रत्न  कौन पहन सकता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद रत्न  वृषभ, मिथुन, कन्या और तुला राशि के लोगों के लिए सबसे अधिक लाभकारी होता है। इन राशियों के स्वामी ग्रहों से राहु का मित्रता का भाव होता है। इसलिए, इन राशि के लोगों को गोमेद धारण करने से राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और उन्हें अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं।

इसके अलावा, गोमेद किसी भी अन्य राशि के व्यक्ति के द्वारा  भी पहना जा सकता है, यदि किसी योग्य ज्योतिषी द्वारा उसकी कुंडली  का विश्लेषण में राहु के अशुभ दृष्टी या प्रभावों  का पता चलता है।

गोमेद (gomed) धारण करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:गोमेद (gomed) धारण करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • गोमेद की शुद्धता और गुणवत्ता का विशिष्ट महत्व है ।
  • गोमेद को किसी योग्य ज्योतिषी द्वारा जातक की कुंडली दिखाकर ही धारण करना चाहिए ।
  • गोमेद को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए उससे अधिक फायदे मिलते है ।
  • गोमेद को देशी भारतीय नस्ल की गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध करके ही धारण करना चाहिए।
  • गोमेद को मध्यमा उंगली में ही धारण करना उत्तम रहता है ।
  • गोमेद को नियमित रूप से साफ रखना चाहिए ।

  गोमेद( gomed) धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना उचित 

  होता है ?

हाँ, गोमेद धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होता है। बिना ज्योतिषी की सलाह के गोमेद धारण करने से फायदे की बजाय नुक्सान भी हो सकते है क्योंकि  जन्म कुंडली का  ज्योतिषीय विश्लेषण आवश्यक है

गोमेद धारण करने से व्यक्ति को अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं, लेकिन अगर गोमेद धारण करने का सही समय और सही तरीका नहीं अपनाया गया, तो यह व्यक्ति के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए, गोमेद धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना आवश्यक है।

गोमेद धारण करने का सही समय कुंडली के अनुसार क्या होगा यह भी विशेष तौर से ज्योतिषी द्वारा ही बताया जा सकता है

इसलिए, गोमेद धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होता है।

गोमेद कौन कौन सी राशि ( rashi) वालों को पहनना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद वृषभ, मिथुन, कन्या और तुला राशि वालों के लिए सबसे अधिक लाभकारी होता है। इन राशियों के स्वामी ग्रहों से राहु का मित्रता का भाव होता है। इसलिए, इन राशि के लोगों को गोमेद धारण करने से राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और उन्हें अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं।

गोमेद की कीमत(price) कितनी है?

गोमेद की कीमत उसके आकार, वजन, रंग और गुणवत्ता पर निर्भर करती है। आमतौर पर, गोमेद की कीमत प्रति कैरेट 500 रुपये से शुरू होती है। हालांकि, उच्च गुणवत्ता वाले और बड़े आकार के गोमेद की कीमत 5000 रुपये प्रति कैरेट या उससे  भी अधिक हो सकती है।

गोमेद की कीमत जानने के लिए, आप किसी प्रमाणित रत्न विक्रेता से सलाह ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त अभिमंत्रित और सिद्दा किया गए गोमेद की कीमत अधिक होती है और वो ज्यादा प्रभावी होता है |

गोमेद कौन नहीं पहन सकता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि के लोगों को गोमेद नहीं पहनना चाहिए। इन राशियों के स्वामी ग्रहों से राहु का शत्रुता का भाव होता है। इसलिए, इन राशि के लोगों को गोमेद धारण करने से राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलने के बजाय, उनके अशुभ प्रभाव और अधिक बढ़ सकते हैं।

इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु की स्थिति बहुत  अधिक खराब है, तो उसे भी गोमेद नहीं पहनना चाहिए। ज्योतिषी व्यक्ति की कुंडली का अध्ययन करके ही  यह बता सकते  है कि जातक को गोमेद धारण करना चाहिए या नहीं।

गोमेद क्यों नहीं पहनना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद राहु का रत्न है। राहु एक छाया ग्रह है । यह सूर्य और चंद्रमा के बीच की दूरी के कारण बनता है राहु को एक पापी ग्रह माना जाता है, क्योंकि यह अनेक प्रकार के अशुभ प्रभावों को उत्पन्न कर सकता है।

गोमेद धारण करने से बचने के कुछ कारण या गोमेद क्यों नहीं पहनना चाहिए उसके कुछ कारण  निम्नलिखित हैं:

यदि व्यक्ति की कुंडली में राहु की स्थिति बहुत खराब है, तो उसे गोमेद धारण करने से राहु के अशुभ प्रभाव और अधिक बढ़ सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु के साथ कोई अन्य पापी ग्रह भी स्थित है, तो उसे भी गोमेद धारण करने से बचना चाहिए।

गोमेद रत्न पहनने का सबसे अच्छा दिन( best day) कौन सा है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद रत्न पहनने का सबसे अच्छा दिन शनिवार है। शनिवार का दिन राहु का दिन माना जाता है, और गोमेद राहु का रत्न है। इसलिए, शनिवार के दिन गोमेद धारण करने से व्यक्ति को राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और उसे अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं। गोमेद रत्न शनिवार की शाम को सूरज ढलने के बाद धारण किया जाता है।

गोमेद धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना सदैव उचित होता है। गोमेद को राहु मंत्र के जाप करके पूजा करके ही धारण करना चाहिए

गोमेद कौन सी धातु में पहनना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद को चांदी की अंगूठी या लॉकेट में ही धारण करना चाहिए। चांदी राहु की धातु है, और गोमेद राहु का रत्न है। इसलिए, चांदी में गोमेद धारण करने से व्यक्ति को राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और उसे अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं। गोमेद को सोने या किसी अन्य धातु में नहीं धारण करना चाहिए। सोना सूर्य की धातु है क्योंकि इसमें सूर्योदय के समय जो सूर्य का रंग होता है उसी प्रकार सुर्ख सुनहरी रंग होता है , और ये मत भूलो की  गोमेद राहु का रत्न है। सूर्य और राहु एक-दूसरे के शत्रु  भी माने  जाते हैं, इसलिए सोने में गोमेद धारण करने से व्यक्ति को राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलने के बजाय, उनके अशुभ प्रभाव और अधिक बढ़ सकते हैं। राहु आप पर क्रोधित होकर आपको अधिक नुक़सान पहुंचा सकता है और आपके सारे किये कराये काम बिगाड़ सकता है |

गोमेद पहनना चाहिए कि नहीं?

यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब बिना जन्म कुंडली देखे कैसे दिया जा सकता है यदि बिना जन्म कुंडली देखे कोई इस सवाल का जबाव दे रहा है तो ये उसका वहम हो सकता है ज्योतिष से उसका कोई लेना देंना  नहीं है सही जानकारी  केवल एक योग्य ज्योतिषी ही दे सकता है।

गोमेद कितने रत्ती का धारण करना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद को कम से कम 4 रत्ती का धारण करना चाहिए। यदि व्यक्ति की कुंडली में राहु की स्थिति बहुत खराब है, तो उसे 6 रत्ती या उससे अधिक का ज्यादा शक्तिशाली  गोमेद धारण करना चाहिए।

गोमेद धारण करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वह असली हो। असली गोमेद का रंग  गहरे शहद के समान होता है और इसमें चमक होती है।  ज्योतिषी व्यक्ति की कुंडली का अध्ययन करके यह बता सकता है कि किसी व्यक्ति को  कितने रत्ती का गोमेद धारण करना चाहिए।

गोमेद पहनने से पहले क्या करना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद पहनने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह जरूर लें। ज्योतिषी आपकी कुंडली का अध्ययन करके यह बता सकता है कि आपको गोमेद धारण करना चाहिए या नहीं।
  •  गोमेद की शुद्दता और पवित्रता के प्रति आश्वस्त रहे सच्चे और शांत मन से धारण करें ईश्वर  में विस्वास रखें
  • गोमेद को शुद्ध करने के लिए मंत्र का जाप करें। गोमेद को चांदी की अंगूठी या लॉकेट में जड़वाने के बाद, उसे देशी गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद, ओम रां राह वे नम: मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • गोमेद को शनिवार के दिन धारण करें। शनिवार का दिन राहु का दिन माना जाता है इससे आपको यह अधिक फलदायक सिद्द होगा ,
  • गोमेद को मध्यमा उंगली में धारण करें। मध्यमा उंगली को बुध ग्रह  की उंगली माना जाता है, और बुध ज्ञान और विद्या का कारक ग्रह है। इसलिए, गोमेद को मध्यमा उंगली में धारण करने से व्यक्ति को ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है और राहु मन में भ्रम उत्त्पन्न  नहीं कर पाता  है ।

गोमेद पहनने से पहले इन बातों का ध्यान रखने से आपको गोमेद के शुभ प्रभावों से लाभ मिल सकता है।

असली गोमेद ( original gomed) की पहचान कैसे करें?

असली गोमेद की पहचान करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:

गोमेद का रंग शहद के समान होता है और इसमें चमक होती है। नकली गोमेद का रंग अक्सर अधिक गहरा या अधिक हल्का होता है और इसमें चमक नहीं होती है। गोमेद को किसी  हल्की खुरदरे सतह पर रगड़ें। यदि गोमेद पर कोई खरोंच नहीं आती है, तो वह असली है। गोमेद को किसी ज्योतिषी या रत्न विशेषज्ञ से दिखाएं। ज्योतिषी या रत्न विशेषज्ञ गोमेद की शुद्धता की पहचान कर सकते हैं। इन तरीकों से असली गोमेद की पहचान की जा सकती है। हालांकि, यदि आपके पास कोई संदेह है, तो किसी  योग्य ईमानदार ज्योतिषी या रत्न विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे अच्छा है।

गोमेद  को जागृत कैसे करें?

गोमेद को जागृत करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:

गोमेद को गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद, ओम रां राह वे नम: मंत्र का 108 बार जाप करें।

गोमेद को किसी योग्य ज्योतिषी या रत्न विशेषज्ञ से मंत्रोच्चार से  जागृत कराएं। ज्योतिषी या रत्न विशेषज्ञ गोमेद को मंत्रों और विधियों के द्वारा जागृत कर सकते हैं।

गोमेद को  अभिमंत्रित और जागृत करने से उसका प्रभाव बढ़ जाता है और व्यक्ति को गोमेद के शुभ प्रभावों से अधिक लाभ प्राप्त होता  है।

गोमेद पत्थर किस रंग (color) का होता है?

गोमेद रत्न  आमतौर पर गहरे लाल मिश्रित काले रंग का होता है, लेकिन भूरे, सफेद, या पीले रंग के गोमेद भी पाए जाते हैं। काले गोमेद को सबसे शुभ माना जाता है। गोमेद का रंग गहरे शहद से लेकर गहरा काला तक होता है। गोमेद में अक्सर सफेद धारियाँ भी होती हैं। यदि मंत्रो द्वारा सिद्द हो तो  काले गोमेद को राहु का चमत्कारी रत्न माना जाता है।

गोमेद पत्थर ( gomed stone) कैसे पहनना चाहिए?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गोमेद पत्थर को किसी  शनिवार के दिन  ही धारण करना चाहिए। शनिवार का दिन राहु का दिन माना जाता है,गोमेद पत्थर को चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में जड़वाकर ज्योतिषी की सलाह के उपरांत ही  धारण करना चाहिए। चांदी को चंद्रमा का धातु माना जाता है, और चंद्रमा राहु के साथ मित्र ग्रह है। इसलिए, चांदी में जड़वाकर धारण करने से गोमेद के प्रभाव में  अतुलनीय वृद्धि होती है। गोमेद पत्थर को धारण करने से पहले, उसे गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध जरूर  करना चाहिए। इसके बाद, ओम रां राह वे नम: मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए और फिर मध्यमा अंगुली  में धारण करना चाहिए । गोमेद को धूप और गर्मी से बचाना चाहिए।

गोमेद पत्थर कहां से आता है?

गोमेद पत्थर मुख्य रूप से भारत, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका, रूस, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में पाया जाता है। भारत में, गोमेद पत्थर सबसे अधिक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों में पाया जाता है।

गोमेद पत्थर एक सिलिकेट पत्थर है, जो सिलिका, ऑक्सीजन और एल्यूमिनियम से बना होता है। गोमेद पत्थर का रंग शहद के समान होता है, और इसमें अक्सर सफेद धारियाँ होती हैं। गोमेद पत्थर का कठोरता माप 7.5 से 8 होता है।

गोमेद एक खराब पत्थर है?

गोमेद एक रत्न है, जिसे राहु का रत्न माना जाता है। राहु एक छाया ग्रह है, जिसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है। यह सूर्य और चंद्रमा के बीच की दूरी के कारण बनता है। राहु को एक पापी ग्रह माना जाता है, क्योंकि यह अनेक प्रकार के अशुभ प्रभावों को उत्पन्न कर सकता है।

गोमेद को राहु के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए धारण किया जाता है। गोमेद धारण करने से राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है, और व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। व्यवसाय और करियर में सफलता मिलती है, और धन और संपत्ति में वृद्धि होती है। पराक्रम और साहस में वृद्धि होती है।

इसलिए, यह कहना कि गोमेद एक खराब पत्थर या रत्न  है, सही नहीं है।  रत्न  ख़राब नहीं होते ख़राब  जातक या व्यक्ति का भाग्य होता है इसलिए यह  कहना सही होगा कि गोमेद एक शक्तिशाली रत्न है, जिसे धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होता है ।

गोमेद रत्न कौन सी उंगली में पहना जाता है?

गोमेद रत्न को मध्यमा उंगली में  शनिवार के दिन पूजा करने के बाद  पहना जाता है। मध्यमा उंगली को बुध की उंगली माना जाता है, और बुध ज्ञान और विद्या का कारक ग्रह है।

क्या मैं रोज गोमेद की अंगूठी ( gomed ring) पहन सकती हूं?

जी हाँ, आप रोज गोमेद की अंगूठी पहन सकती हैं किन्तु इस लेख में ऊपर बताई गई शर्तो एवं नियमों का अध्ययन  कर लें । हालांकि, गोमेद रत्न को धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना हमेशा  उचित होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु की स्थिति बहुत खराब है, या राहु के साथ कोई अन्य पापी ग्रह भी स्थित है, तो उसे गोमेद रत्न धारण करने से बचना चाहिए।

यदि आपके लिए गोमेद रत्न धारण करना  कुंडली अनुसार उचित है, तो आप इसे रोज पहन सकती हैं। गोमेद रत्न को मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए। मध्यमा उंगली को बुध की उंगली माना जाता है, और बुध ज्ञान और विद्या का कारक ग्रह है। इसलिए, गोमेद को मध्यमा उंगली में धारण करने से व्यक्ति को ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है और किसी भी कार्य में जल्दी सफलता मिलती है ।

राहु ( rahu grah) को शांत करने के लिए कौन सा रत्न पहनना चाहिए ?

राहु को शांत करने के लिए गोमेद (gomed ) रत्न पहना जाता है। गोमेद को राहु का रत्न माना जाता है। राहु एक छाया ग्रह है, जिसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है यह दूसरों  के काम में व्यवधान पैदा करता है।

गोमेद के लिए कौन सी धातु सबसे अच्छी है?

गोमेद के लिए सबसे अच्छी धातु चांदी या अष्टधातु है। चांदी को चंद्रमा का धातु माना जाता है, और चंद्रमा राहु के साथ मित्र ग्रह है। इसलिए, चांदी में जड़वाकर धारण करने से गोमेद के प्रभाव में वृद्धि होती है।

अष्टधातु में सोना, चांदी, तांबा, लोहा, एल्युमीनियम, पारा, और जस्ता शामिल हैं। अष्टधातु को सभी ग्रहों का प्रतिनिधि माना जाता है। इसलिए, अष्टधातु में जड़वाकर धारण करने से गोमेद के प्रभाव में वृद्धि होती है

Gomed stone benefits in hindi for male

पुरुषों के लिए गोमेद के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:Gomed stone benefits in hindi for male

  • मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार।
  • व्यवसाय और करियर में सफलता।
  • धन और संपत्ति में वृद्धि।
  • पराक्रम और साहस में वृद्धि।
  • शत्रुओं पर विजय।
  • बुरी आत्माओं से बचाव।
  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव।
  • आकर्षण और व्यक्तित्व में वृद्धि।

गोमेद रत्न और बीमारी से राहत की ज्योतिषीय मान्यताएं –

गोमेद रत्न को धारण करने से होने वाले कुछ स्वास्थ्य लाभ निम्नलिखित हैं:

गोमेद रत्न को धारण करने से ब्लड कैंसर, आंख और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं को दूर करने में  ज्योतिषीय मदद मिलती है।

गोमेद रत्न को धारण करने से रक्तचाप और दिल की बीमारियों से बचाव होता है।

गोमेद रत्न को धारण करने से पाचन तंत्र और मेटाबोलिज्म  में सुधार होता है।

गोमेद रत्न को धारण करने से त्वचा और बालों की गुणवत्ता में सुधार होता है। ये सभी रत्न से सम्बंधित ज्योतिषीय और लोक मान्यताएं है जिसका हर जातक पर भिन्न प्रभाव पद सकता है |

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart

Table of Contents

Index
Need Help ?